आज की इस लेख में Republic Day Speech in Hindi के बारे में सम्पूर्ण जानकारी जानेंगें। यदि आप 26 जनवरी 2024 पर भाषण देना चाहते हैं, तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए है, यहाँ से आप गणतंत्र दिवस पर भाषण देना सीखेंगे।
“गणतंत्र दिवस” भारत में 26 जनवरी को मनाया जाता है, जब भारतीय संविधान की स्थापना हुई थी। यह दिन मुक्ति, समाज, और भारतीय समृद्धि का प्रतीक है। भारतिय संविधान 15 नवम्बर 1949 को बनकर तैयार हो गया था, परंतु प्रकाशित 26 जनवरी 1950 को हुई तभी से संविधान की स्थापना दिवस को मनाने के लिए हम गणतंत्र दिवस के नाम से इसे मनाते हैं।
Republic Day Speech in Hindi 2024
Post | Republic Day Speech in Hindi |
Category | Speech |
Speech | 26 January 2024 |
Official Website | jacnews.in |
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गणतंत्र दिवस पर भाषण
मान्यवर अतिथिगण, प्रधानाचार्य, अध्यापक, अध्यापिकाएं, मेरे सीनियर और मेरे सहपाठी, सुबह की नमस्ते। मेरा नाम…….। मैं कक्षा….में पढ़ती/पढ़ता हूँ। अपने इस महान उत्सव गणतंत्र दिवस पर भाषण देना मेरे लिये बहुत सौभाग्य की बात है।
सबसे पहले, मैं अपने कक्षा अध्यापक को इस महान भारतीय गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुझे बोलने का मौका देने के लिये हार्दिक अभिनंदन करती/करता हूँ। मेरे प्रिय साथियों, हम आज यहाँ अपने राष्ट्र का सबसे विशेष उत्सव मनाने के लिये एकत्र हुये हैं।
हम प्रति वर्ष 26 जनवरी को भारतीय संविधान के लागू होने और भारत को एक गणतंत्र देश के रुप में घोषित होने के कारण गणतंत्र दिवस मनाते हैं। मुझे भारत का नागरिक होने पर बहुत गर्व है। इस दिन पर, हम अपने गणतंत्र देश के लिये दिल से सम्मान प्रदर्शित करने के लिये भारत के राष्ट्रीय ध्वज को फहराते और राष्ट्रीय गान गाते हैं।
ये पूरे देश में स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, शैक्षिण संस्थाओं, बैंको और भी बहुत से स्थानों पर मनाया जाता है। 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ था। 1947 से 1950 के बीच का समय परिवर्तन का समय था और किंग जार्ज प्रथम राज्य के प्रमुख वहीं लार्ड मांउटबेटेन और सी. राजगोपालचार्य जी भारत के गवर्नर बने थे।
भारत सरकार अधिनियम 1935 को भारतीय संविधान के 26 जनवरी 1950 के अस्तिस्व में आने के बाद भारत के सरकारी कागजातों के रुप में रख दिया था। 1949 में भारत के संविधान को संवैधानिक समिति द्वारा 26 नवम्बर को ग्रहण किया गया था हांलाकि इसे लोकतांत्रिक सरकारी प्रणाली के साथ बाद में 1950 को देश को एक पूरा तरह से स्वतंत्र गणराज्य के रुप में घोषित किया गया था। 26 जनवरी को विशेष रुप से इसलिये चुना गया क्योंकि इस समान दिन पर 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारतीय स्वतंत्रता अर्थात् पूर्ण स्वराज्य घोषित किया था। 1950 में, संविधान को ग्रहण करने बाद, गणतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति, राजेन्द्र प्रसाद बने थे।
भारतीय सेनाओं (सभी तीनों सेनाओं द्वारा) राष्ट्रीय राजधानी (नई दिल्ली) के साथ-साथ देश के राज्यों की राजधानियों में भी एक भव्य परेड का आयोजन किया जाता है। राष्ट्रीय राजधानी की परेड रायसीना हिल (राष्ट्रपति भवन के पास, भारतीय राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास स्थान) से शुरु होकर और राजपथ से होते हुये पुराने इंडिया गेट पर समाप्त होती है। भारतीय सेना के साथ, देश के राज्य भी अपने देश की संस्कृति और परंपराओं को दिखाने के लिये परेड में भाग लेते हैं। इस दिन पर, हमारा देश, मुख्य अतिथि (किसी दूसरे देश के राजा, प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति) को 26 जनवरी पर “अतिथि देवो भव” की परंपरा को निभाते हुये आमंत्रित करता है।
भारत के राष्ट्रपति, भारतीय सेनाओं के कमांडर-इन-चीफ, भारतीय सेनाओं द्वारा सलामी लेते हैं। भारत के प्रधानमंत्री, अमर जवान ज्योति, इंडिया गेट पर शहीद हुये भारतीय सैनिकों को पुष्प अर्पित करके श्रद्धाजंलि देते हैं। गणतंत्र दिवस का उत्सव 29 जनवरी तक लगातार जारी रहता है जो बीटिंग रिट्रीट समारोह के साथ समाप्त होता है। इस दिन पर, प्रत्येक भारतीय संविधान के लिये अपनी/अपना सम्मान प्रदर्शित करते हैं।
जय हिन्द, जय भारत
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